देहरादून, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट देहरादून के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने यूजेवीएनएल के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, अवर अभियंता और ठेकेदार सहित पांच लोगों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार करने, धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि मरम्मत कार्यों के पौने सात करोड़ के ठेके में फर्जी दस्तावेज तैयार कर भुगतान सवा नौ करोड़ रुपये का कर दिया गया।
मामले में सविंद्र कुमार आनंद पुत्र रामआनंद निवासी पंजाबी कॉलोनी विकासनगर ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट देहरादून की अदालत में प्रार्थना पत्र पेश किया। इसमें बताया कि यूजेवीएनएल में बांध परियोजनाओं में मरम्मत कार्यों के नाम पर कुछ अधिकारियों और ठेकेदारों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर एक व्यक्ति विशेष ठेकेदार के पक्ष में निविदायें कर सरकारी धन की बंदरबांट की गयी है। बताया कि एमएस अधिकारी अधिशासी अभियंता यूजेवीएनएल पीसीएम डाकपत्थर, अरुण तोमर सहायक अभियंता यूजेवीएनएल डाकपत्थर, अनूप चौहान अवर अभियंता यूजेवीएनएल पीसीएम डाकपत्थर और विनोद कुमार भाकुनी तत्कालीन अधिशासी अभियंता डाकपत्थर हाल उपमहाप्रबंधक त्यूणी पलासू परियोजना यूजेवीएनएल सिविल डाकपत्थर ने मिलीभगत करके फर्जी कूट रचित दस्तावेज तैयार कर डाकपत्थर बैराज, ऋषिकेश, पुरोला आदि जगहों पर कई ठेके और निविदा ठेकेदार पराग जैन पुत्र एनसी जैन निवासी मोहित नगर देहरादून के पक्ष में कर दी। सविंद्र ने बताया कि डाकपत्थर में एक निविदा में लगभग 6 करोड़ 87 लाख रुपये में ठेका दिया गया। इसका कार्य एक वर्ष में पूरा किया जाना था, लेकिन दस्तावेजों में हेरफेर कर पराग जैन को नौ करोड़ तीस लाख रुपये का भुगतान कर दिया। साथ ही एक वर्ष में पूरा किये जाने वाला कार्य 21 दिन में ही पूरा दर्शाया गया। प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी देहरादून की अदालत ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के कोतवाली पुलिस को निर्देश दिए।