देहरादून, ग्राफिक एरा विवि देहरादून बीएससी बायोटेक्नोलॉजी के 110 छात्र छात्राओं ने सगंध पौधा केंद्र सेलाकुई का शैक्षणिक भ्रमण किया। इस दौरान कैंप के अधिकारियों ने सगंध केंद्र में उत्पादित किये गये विभिन्न जड़ी बूटियों के बारे में छात्र छात्राओं को जानकारी दी।
भ्रमण कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ तकनीकि सहायक सुनील बर्तवाल ने लैमनग्रास, सिट्रोनेला, पामारोजा, मिंट, हेमस्क गुलाब, खस, जेरेनियम, कैमोगिल, तेजपात, थाइम आदि के वानस्पतिक एवं साधारण नाम और उनके उपयोग के बारे में जानकारी दी। तकनीकि सहायक शंकरलाल ने बताया कि लैमनग्रास की खेती उत्तराखंड के उन स्थानों के लिए उपयुक्त है, जिन खेतों को कृषकों ने छोड़ दिया है। बताया कि लैमनग्रास की खेती से कृषक प्रति हेक्टेयर नब्बे से सौ किलो ग्राम तेल प्राप्त कर रहे हैं। जिसके विक्रय से कृषकों को एक लाख बीस हजार तक की आमदनी हो रही है। फील्ड सहायक महेंद्र सिंह ने बताया कि डेमेक्स गुलाब की खेती ठंडी जलवायु वाले क्षेत्रों में लाभदायक होती है। मास्टर ट्रेनर घेमूराम ने छात्रों को प्रसंस्करण क्रिया की जानकारी दी। इस मौके पर डॉ. दीपेंद्र प्रताप सिंह ने अन्य जानकारियां दीं।
छात्रों ने किया सगंध पौधा केंद्र सेलाकुई का शैक्षणिक भ्रमण
